Fauji Days
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कितने गाजी आए कितने गाजी गए - Kitne Ghazi Aaye, Kitne Ghazi Gaye (Hindi)

लेफ्टिनेंट जनरल कँवलजीत सिंह 'टाईनी' ढिल्‍लों
540
MRP ₹600
(10% off)
Inclusive of all taxes

लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. 'टाईनी' ढिल्‍लों राजपूताना राइफल्स के दिग्गज रहे हैं, जो लगभग चार दशकों की सैन्य सेवा में अनेक बार कश्मीर में पदस्थ रहे।

इस पुस्तक में ' टाईनी ' ढिल्‍लों उस बंद खिड़की को खोलते हैं, जो न केवल उनके जीवन में बल्कि कश्मीर में भी खुलती है। महज तीन साल की उम्र लेकर कश्मीर में अपने अनेक सेवा-वर्षों के दौरान उन्होंने जिन सबसे कठिन चुनौतियों का सामना किया, उनकी रोचक कहानियाँ हैं, जहाँ उन पर एक तरफ आतंकवाद-विरोधी अभियानों तो दूसरी तरफ सेना की उदारवादी शक्ति के बीच संतुलन बनाए रखने की जिम्मेदारी थी। एक युवा से लेकर चिनार के कोर कमांडर बनने तक की पूरी यात्रा को उन्होंने कलमबंद किया है, जिसमें कश्मीर इस कहानी का अभिन्न अंग है।

प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित इस पुस्तक में कश्मीरी पंडितों के पलायन; पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए बर्बर हमले, जिसमें सीआरपीएफ के चालीस जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे; बालाकोट हवाई हमला और अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उसके प्रभावों समेत अनेक दूसरी घटनाओं के मिथकों, अर्ध-सत्यों, क्या और क्यों की चर्चा की गई है और उनके रहस्यों को सुलझाया गया है। यह पुस्तक जम्मू-कश्मीर के इतिहास में होनेवाली विभिन्‍न षड्यंत्रकारी घटनाओं की बारीकियों को बताती है।

छोटी-छोटी कहानियों से भरी, बेबाक और विचारोत्तेजक, ' कितने गाजी आए, कितने गाजी गए' पुस्तक सेना के इस दिग्गज के अपने जीवन की सच्ची कहानियों को सामने लाती है। यह सेना के एक सैनिक के निजी, पेशेवर और पारिवारिक जीवन पर केंद्रित है, जो उन चुनौतियों और संघर्षों की जानकारी देती है, जिनका सामना सैनिक और उनके परिजन करते हैं। बेहद रोचक यह पुस्तक सुधी पाठकों, विशेष रूप से सेना में जाने के इच्छुक युवाओं को भी प्रेरित करेगी।

ISBN/SKU9789355215413
ImprintPrabhat Prakashan
FormatPaperback
Pages304
Year of Pub.2023
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For the Fauji Within: A Curation of Authentic Tales

At Fauji Days, we delve deep to bring you authentic narratives that capture the essence of the military experience. Our carefully curated collection features stories of valour, sacrifice, and camaraderie, penned by military leaders, serving personnel, and those deeply connected to the armed forces.

Name this unique place famous for its intersection of soldiering and sports.

That one village, one family, one street gave India 14 Olympians, an unrivaled track record even today. Take a look at the haul:

14 Olympians – 15 medals (8 Gold, 1 Silver, 6 Bronze)

10 Asian Games players – 13 medals (4 Gold, 8 Silver, 1 Bronze)

5 Arjuna Awardees

4 Maharaja Ranjit Singh Awardees

2 Padma Shri winners

1 Tenzing Norgay (National Adventure) Award winner.